Thursday, February 10, 2011

डॉ. कुमार विश्वास - हिन्द युग्म के अतिथि कवि



डॉ. कुमार विश्वास - हिन्द युग्म के अतिथि कवि

तब तक मुझको जीना होगा

सम्बन्धों को अनुबन्धों को परिभाषाएँ देनी होंगी
होठों के संग नयनों को कुछ भाषाएँ देनी होंगी
हर विवश आँख के आँसू को
यूँ ही हँस हँस पीना होगा
मै कवि हूँ जब तक पीडा है
तब तक मुझको जीना होगा

मनमोहन के आकर्षण मे भूली भटकी राधाऒं की
हर अभिशापित वैदेही को पथ मे मिलती बाधाऒं की
दे प्राण देह का मोह छुडाने वाली हाडा रानी की
मीराऒं की आँखों से झरते गंगाजल से पानी की
मुझको ही कथा सँजोनी है,
मुझको ही व्यथा पिरोनी है
स्मृतियाँ घाव भले ही दें
मुझको उनको सीना होगा
मै कवि हूँ जब तक पीडा है
तब तक मुझको जीना होगा

जो सूरज को पिघलाती है व्याकुल उन साँसों को देखूँ
या सतरंगी परिधानों पर मिटती इन प्यासों को देखूँ
देखूँ आँसू की कीमत पर मुस्कानों के सौदे होते
या फूलों के हित औरों के पथ मे देखूँ काँटे बोते
इन द्रौपदियों के चीरों से
हर क्रौंच-वधिक के तीरों से
सारा जग बच जाएगा पर
छलनी मेरा सीना होगा
मै कवि हूँ जब तक पीडा है
तब तक मुझको जीना होगा

कलरव ने सूनापन सौंपा मुझको अभाव से भाव मिले
पीडाऒं से मुस्कान मिली हँसते फूलों से घाव मिले
सरिताऒं की मन्थर गति मे मैने आशा का गीत सुना
शैलों पर झरते मेघों में मैने जीवन-संगीत सुना
पीडा की इस मधुशाला में
आँसू की खारी हाला में
तन-मन जो आज डुबो देगा
वह ही युग का मीना होगा
मै कवि हूँ जब तक पीडा है
तब तक मुझको जीना होगा

कवि: डॉ. कुमार विश्वास

9 comments:

  1. स्वागत है डॉक्टर साहब..

    ReplyDelete
  2. मै कवि हूँ जब तक पीडा है
    तब तक मुझको जीना होगा
    स्वागत ही आपका , आपके व्लाग पर टिप्पणी करने का आनंद ले लिया ,धन्यवाद

    ReplyDelete
  3. aapke lekhan ki jitni tarif karu unti kam hai... aapko kabse sunti aa rahi hu yaad nhi... shayad tabse jab kisi ne "koi diwana kehne hai" sunaya tha... aap hamare college me bhi aaye the .. indore... aapka wo desh prem dekhkar jo anand prapt hua ho shabdo me baya nhi kar sakrti.... :)

    ReplyDelete
  4. "सम्बन्धों को अनुबन्धों को परिभाषाएँ देनी होंगी
    होठों के संग नयनों को कुछ भाषाएँ देनी होंगी"
    waah waah
    kya baat hai vishvas ji bahut sundar
    aapke geet gahra asar daalte hain

    aabhaar

    ReplyDelete
  5. इस बात में कोई भी दो राय नहीं है कि लिखना बहुत ही अच्छी आदत है, इसलिये ब्लॉग पर लिखना सराहनीय कार्य है| इससे हम अपने विचारों को हर एक की पहुँच के लिये प्रस्तुत कर देते हैं| विचारों का सही महत्व तब ही है, जबकि वे किसी भी रूप में समाज के सभी वर्गों के लोगों के बीच पहुँच सकें| इस कार्य में योगदान करने के लिये मेरी ओर से आभार और साधुवाद स्वीकार करें|

    अनेक दिनों की व्यस्ततम जीवनचर्या के चलते आपके ब्लॉग नहीं देख सका| आज फुर्सत मिली है, तब जबकि 14 फरवरी, 2011 की तारीख बदलने वाली है| आज के दिन विशेषकर युवा लोग ‘‘वैलेण्टाइन-डे’’ मनाकर ‘प्यार’ जैसी पवित्र अनुभूति को प्रकट करने का साहस जुटाते हैं और अपने प्रेमी/प्रेमिका को प्यार भरा उपहार देते हैं| आप सबके लिये दो लाइनें मेरी ओर से, पढिये और आनन्द लीजिये -

    वैलेण्टाइन-डे पर होश खो बैठा मैं तुझको देखकर!
    बता क्या दूँ तौफा तुझे, अच्छा नहीं लगता कुछ तुझे देखकर!!

    शुभाकॉंक्षी|
    डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’
    सम्पादक (जयपुर से प्रकाशित हिन्दी पाक्षिक समाचार-पत्र ‘प्रेसपालिका’) एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास)
    (देश के सत्रह राज्यों में सेवारत और 1994 से दिल्ली से पंजीबद्ध राष्ट्रीय संगठन, जिसमें 4650 से अधिक आजीवन कार्यकर्ता सेवारत हैं)
    फोन : 0141-2222225(सायं सात से आठ बजे के बीच)
    मोबाइल : 098285-02666

    ReplyDelete
  6. यदि आप हिंदी और हिंदुस्तान से प्यार करते है तो आईये हिंदी को सम्मान देने के लिए उत्तर प्रदेश ब्लोगेर असोसिएसन uttarpradeshblogerassociation.blogspot.com के सदस्य बने अनुसरण करे या लेखक बन कर सहयोग करें. हमें अपनी id इ-मेल करें. indianbloger @gmail .com

    ------ हरेक हिंदी ब्लागर इसका सदस्य बन सकता है और भारतीय संविधान के खिलाफ न जाने वाली हर बात लिख सकता है । --------- किसी भी विचारधारा के प्रति प्रश्न कर सकता है बिना उसका और उसके अनुयायियों का मज़ाक़ उड़ाये । ------- मूर्खादि कहकर किसी को अपमानित करने का कोई औचित्य नहीं है । -------- जो कोई करना चाहे केवल विचारधारा की समीक्षा करे कि वह मानव जाति के लिए वर्तमान में कितनी लाभकारी है ? ----- हरेक आदमी अपने मत को सामने ला सकता है ताकि विश्व भर के लोग जान सकें कि वह मत उनके लिए कितना हितकर है ? ------- इसी के साथ यह भी एक स्थापित सत्य है कि विश्व भर में औरत आज भी तरह तरह के जुल्म का शिकार है । अपने अधिकार के लिए वह आवाज़ उठा भी रही है लेकिन उसके अधिकार जो दबाए बैठा है वह पुरुष वर्ग है । औरत मर्द की माँ भी है और बहन और बेटी भी । इस फ़ोरम के सदस्य उनके साथ विशेष शालीनता बरतें , यहाँ पर भी और यहाँ से हटकर भी । औरत का सम्मान करना उसका अधिकार भी है और हमारी परंपरा भी । जैसे आप अपने परिवार में रहते हैं ऐसे ही आप यहाँ रहें और कहें हर वह बात जिसे आप सत्य और कल्याणकारी समझते हैं सबके लिए ।

    आइये हम सब मिलकर हिंदी का सम्मान बढ़ाएं.

    ReplyDelete
  7. स्वागत, अभिनन्दन...

    हिन्दी ब्लाग जगत में आपका स्वागत है, कामना है कि आप इस क्षेत्र में सर्वोच्च बुलन्दियों तक पहुंचें । आप हिन्दी के दूसरे ब्लाग्स भी देखें और अच्छा लगने पर उन्हें फालो भी करें । आप जितने अधिक ब्लाग्स को फालो करेंगे आपके अपने ब्लाग्स पर भी फालोअर्स की संख्या बढती जा सकेगी । प्राथमिक तौर पर मैं आपको मेरे ब्लाग 'नजरिया' की लिंक नीचे दे रहा हूँ आप इसका अवलोकन करें और इसे फालो भी करें । आपको निश्चित रुप से अच्छे परिणाम मिलेंगे । कृपया जहाँ भी आप ब्लाग फालो करें वहाँ एक टिप्पणी अवश्य छोडें जिससे दूसरों को आप तक पहुँच पाना आसान रहे । धन्यवाद सहित...
    http://najariya.blogspot.com/

    ReplyDelete
  8. excellent wow ! mai student hun jab tak jinda hun aapka blog padhna hoga.

    ReplyDelete